Stree Shakti Scheme Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को एक नई और महत्वाकांक्षी योजना ‘स्त्री शक्ति’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं, लड़कियों और ट्रांसजेंडर नागरिकों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देना है. इस योजना का उद्घाटन राजधानी अमरावती में बड़े समारोह के साथ किया गया, जिसमें एनडीए के प्रमुख नेता और सहयोगी भी मौजूद थे.
महिलाओं की आवाजाही होगी आसान
बता दें कि ‘स्त्री शक्ति’ योजना के तहत, राज्य की सभी सरकारी बसों में पात्र महिलाएं अब बिना कोई किराया दिए यात्रा कर सकेंगी. यह सुविधा केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगी जिनके पास आंध्र प्रदेश की स्थायी नागरिकता है. इस कदम का मकसद महिलाओं को शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक गतिविधियों तक आसान और सुलभ पहुँच देना है.
CM ने बस में बैठकर लिया योजना का जायजा
वहीं, इस योजना को जन-जन तक पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खुद एक बस में यात्रा की. उनके साथ उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण और आईटी मंत्री नारा लोकेश भी मौजूद रहे. इन नेताओं ने महिलाओं के साथ हल्के-फुल्के संवाद किए और नई सरकार से उनकी उम्मीदों को समझने की कोशिश की.
इन बस सेवाओं में मिलेगा मुफ्त सफर
दरअसल, आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (APSRTC) की जिन बस सेवाओं में यह सुविधा लागू की गई है, उनमें पल्लेवलुगु, अल्ट्रा पल्लेवलुगु, सिटी ऑर्डिनरी, मेट्रो एक्सप्रेस और एक्सप्रेस सेवाएं शामिल हैं. कुल 11,449 सरकारी बसों में से लगभग 74 प्रतिशत बसें अब महिलाओं के लिए निःशुल्क यात्रा के लिए खुली रहेंगी. एक अनुमान के अनुसार लगभग 2.62 करोड़ महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी.
‘सुपर सिक्स’ वादों में से एक अहम वादा
यह योजना चंद्रबाबू नायडू द्वारा चुनाव से पहले किए गए ‘सुपर सिक्स’ वादों में से एक है. इन वादों में महिलाओं को ₹1,500 प्रति माह वित्तीय सहायता, युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियां या ₹3,000 बेरोजगारी भत्ता, हर छात्र को ₹15,000 वार्षिक सहायता (तल्लिकी वंदनम), हर घर को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर(दीपम-2) और किसानों को 20, 000 सालाना सहायता( अन्नदाता सुखीभव) योजना शामिल है.
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
‘स्त्री शक्ति’ योजना केवल एक मुफ्त यात्रा सुविधा नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को समाज में अधिक सक्रिय, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है. यह योजना सामाजिक न्याय के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक बनती जा रही है, जो आंध्र प्रदेश को एक समावेशी राज्य की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होगी.
















