ट्रंप-पुतिन बैठक से पहले यूक्रेन में हलचल,जेलेंस्की बोले- बहुत कुछ दांव पर…

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में होने वाली बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसे शांति की उम्मीद बताया है. उन्होंने युद्ध रोकने और रूस पर दबाव बढ़ाने की बात कही है. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी मिल सकती है, लेकिन नाटो के तहत नहीं.

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Trump Putin summit 2025
Trump Putin summit 2025

Trump Putin summit 2025 : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही अलास्का स्थित एक एयरबेस पर आमने-सामने होंगे. यह ऐतिहासिक मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब रूस-यूक्रेन युद्ध अपने निर्णायक मोड़ पर है. इस बैठक को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं और यूक्रेन विशेष रूप से इसे लेकर उम्मीद लगाए बैठा है.

जेलेंस्की की अपील, शांति के लिए एक मौका
बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप-पुतिन की इस मुलाकात को निर्णायक करार दिया है. एक्स पर उन्होंने लिखा कि यह बैठक यूरोप की सुरक्षा और यूक्रेन के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय ऐसा है जब न्याय आधारित शांति की ओर ठोस कदम बढ़ाने की जरूरत है. इसी उद्देश्य से उन्होंने कीव में सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक भी की, जिसमें युद्ध की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.

रूसी सेना पर दबाव जारी
जेलेंस्की ने यह स्पष्ट किया कि यूक्रेनी सेना रूसी सैनिकों की स्थिति को कमजोर करने के लिए लगातार प्रयासरत है. उनका कहना है कि वे उन क्षेत्रों में दबाव बढ़ा रहे हैं जहाँ रूस ने जबरन कब्जा कर रखा है. उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को हर स्तर पर जमीनी हालात से अवगत करा रहा है.

अमेरिका से उम्मीदें, लेकिन नाटो नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने रवाना होने से पहले दिए एक बयान में स्पष्ट किया कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को कुछ हद तक सुरक्षा गारंटी दे सकते हैं, मगर यह नाटो की औपचारिक सदस्यता के रूप में नहीं होगा. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को शुरू कराना है, न कि खुद यूक्रेन की तरफ से कोई फैसला लेना. ट्रंप ने यह भी कहा कि शांति समझौते के तहत रूस को कुछ भूभाग देना है या नहीं, यह फैसला यूक्रेन के लोगों को ही करना होगा.

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