अमेरिका के पाकिस्तान से रिश्ते ‘शॉर्ट टर्म’, पूर्व भारतीय डिप्लोमेट विकास स्वरूप ने किया बड़ा खुलासा

पूर्व भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप ने अमेरिका और पाकिस्तान के मौजूदा रिश्तों को एक 'रणनीतिक भूल' करार दिया है. उनका कहना है कि यह रिश्ता केवल अल्पकालिक और वित्तीय लाभ के मकसद से जुड़ा है, जबकि पाकिस्तान चीन का करीबी है. उन्होंने भारत और अमेरिका संबंधों को कहीं अधिक रणनीतिक बताया और कहा कि भारत अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता से कभी समझौता नहीं करेगा.

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Vikas Swarup
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अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हालिया नजदीकियों को लेकर पूर्व भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ जुड़ना, जो चीन का घनिष्ठ साझेदार है, एक गंभीर रणनीतिक भूल है. स्वरूप ने इस रिश्ते को ‘शॉर्ट-टर्म और टैक्टिकल’ बताते हुए आरोप लगाया कि इसके पीछे मुख्य कारण वित्तीय लाभ है, जिसे ट्रंप परिवार और विटकॉफ परिवार पाकिस्तान के क्रिप्टोकरेंसी संपत्तियों से हासिल करना चाहते हैं.

विकास स्वरूप ने स्पष्ट कहा की ‘यह अमेरिका की रणनीतिक गलती है कि वह पाकिस्तान के साथ जुड़ रहा है, जबकि पाकिस्तान चीन के साथ है और चीन अमेरिका का रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है.’ उनके अनुसार पाकिस्तान के साथ मौजूदा संबंध लंबे समय के लिए नहीं हैं, बल्कि ये केवल वित्तीय लाभ से प्रेरित हैं. वहीं, भारत के साथ अमेरिका का रिश्ता कहीं अधिक गहरा और रणनीतिक है.

भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले पर स्वरूप ने कहा कि किसी दबंग के सामने झुकने से उसकी मांगें और बढ़ती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत बहुत बड़ा और गर्वित देश है, जो किसी भी दूसरे देश का अनुयायी नहीं बन सकता. उन्होंने याद दिलाया कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता 1950 के दशक से ही विदेश नीति की नींव रही है और इस पर कोई भी सरकार समझौता नहीं कर सकती.

ट्रंप की ‘शांति दूत’ छवि

स्वरूप ने कहा कि ट्रंप खुद को ‘पीसमेकर’ के रूप में पेश करना चाहते हैं और उन्होंने कई वैश्विक विवादों में दखल दिया है. उनके मुताबिक, ट्रंप का मानना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का प्रयास उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार पाने की चाह है और अगर उन्हें यह भारत-पाकिस्तान मामले पर नहीं मिला, तो वे रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता कर इसे हासिल करने की कोशिश करेंगे.

टैरिफ नीति और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर

विकास स्वरूप के मुताबिक अब अमेरिका औसत 18.4% टैरिफ के साथ दुनिया का “टैरिफ किंग” बन चुका है. पहले अमेरिका भारत को यह उपाधि देता था, लेकिन अब खुद इस स्थिति में है. उन्होंने चेतावनी दी कि ये टैरिफ अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ेंगे और महंगाई को बढ़ावा देंगे.

सिंधु जल संधि पर भारत का रुख और पाकिस्तान की बेचैनी

सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले पर स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान इस कदम से हिल गया है, क्योंकि वह इन नदियों के पानी पर निर्भर है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान हमेशा परमाणु युद्ध का डर दिखाकर बाहरी हस्तक्षेप चाहता है और ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ करके वैश्विक ध्यान खींचने की कोशिश करता है.

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