उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक बड़ा निर्णय घोषित किया. अब प्रदेश के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम का गायन अनिवार्य होगा. गोरखपुर में आयोजित एकता यात्रा और सामूहिक वंदे मातरम गायन कार्यक्रम में उन्होंने यह घोषणा राष्ट्रभावना को मजबूत करने के उद्देश्य से की.
वंदे मातरम गायन अब हर स्कूल में अनिवार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान दिखाना हर नागरिक का कर्तव्य है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्कूलों में वंदे मातरम को अनिवार्य कराकर विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना बढ़ाना चाहती है. सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के प्रति सम्मान होना चाहिए. उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में इसका गायन अनिवार्य किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ 150 वर्ष का उत्सव
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर एक साल लंबे स्मरणोत्सव का शुभारंभ किया. यह राष्ट्रव्यापी उत्सव 7 नवंबर 2024 से 7 नवंबर 2026 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य इस ऐतिहासिक गीत के महत्व को नई पीढ़ियों तक पहुंचाना है.
वंदे मातरम का इतिहास
वंदे मातरम की रचना महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के दिन की थी. यह गीत पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था और बाद में चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा बना. स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम एक नारा नहीं, बल्कि लाखों लोगों की प्रेरणा बन गया और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनकर उभरा.
प्रधानमंत्री मोदी ने दी नई प्रेरणा की बात
कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उत्सव देश के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगा. पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम भारत की एकता और प्रेरणा का प्रतीक है. 150 वर्ष पूरे होने पर यह स्मरणोत्सव देशवासियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देगा. उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम की मूल भावना भारत माता के प्रति अटूट समर्पण और एकता का संदेश देती है.
योगी सरकार का उद्देश्य
योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का लक्ष्य है कि विद्यार्थियों में राष्ट्रभावना प्रबल हो. सांस्कृतिक मूल्यों का संचार हो. राष्ट्रीय एकता का संदेश युवाओं तक मजबूती से पहुंचे.













