अमेरिका का दावा- ट्रंप की अपील पर भारत भी चीन की तरह रूस से तेल की खरीद में करेगा कटौती

0
17

अमेरिका के व्हाइट हाउस ने फिर दोहराया है कि भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर रूस से तेल आयात में कटौती की है. वहीं भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर आधारित है, न कि किसी बाहरी दबाव पर.

रूस पर बढ़ा दबाव

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में प्रगति की कमी से निराश हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंध मास्को की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालेंगे.

लेविट ने कहा कि अगर आप हालिया प्रतिबंधों को देखें, तो ये बेहद कड़े हैं. हमें अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि चीन ने रूस से तेल खरीदना घटाया है, और भारत ने भी राष्ट्रपति के अनुरोध पर ऐसा ही कदम उठाया है. राष्ट्रपति ने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात बंद करने की अपील की है. उन्होंने बताया कि रोसनेफ्ट और लुकोइल जैसी रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उद्देश्य क्रेमलिन की ऊर्जा आमदनी सीमित करना है. लेविट के अनुसार, “यह व्यापक दबाव रणनीति का हिस्सा है और उम्मीद है कि इससे रूस को वास्तविक नुकसान होगा.

ऊर्जा नीति पूरी तरह स्वतंत्र

भारत ने इन दावों को अस्वीकार करते हुए कहा कि उसकी ऊर्जा नीति किसी बाहरी प्रभाव से निर्देशित नहीं है. नई दिल्ली ने जोर देकर कहा कि उसका प्राथमिक उद्देश्य स्थिर कीमतें और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखना है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत हमेशा से राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है. यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले से दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव बढ़ा है.

पुतिन से ट्रंप की बढ़ती नाराजगी

लेविट ने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रवैये से बेहद निराश हैं. उनके अनुसार, पुतिन ने शांति वार्ता में पर्याप्त रुचि या कार्रवाई नहीं दिखाई. इस वर्ष के अंत में दोनों नेताओं की बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन मॉस्को द्वारा अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद यह मुलाकात अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.

लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब ही प्रतिबंध लगाते हैं जब उन्हें यह आवश्यक लगता है. कल का दिन उसी का उदाहरण था.” उन्होंने कहा कि ट्रंप को लगता है कि “रूस की ओर से शांति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

भविष्य में मुलाकात की संभावना बरकरार

व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप और पुतिन के बीच वार्ता की संभावनाएं पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि जब भी दोनों नेता मिलें, तो वह बैठक सार्थक और परिणामदायी हो.

प्रतिबंधों से कोई असर नहीं

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर आर्थिक दबाव को “राजनीतिक हथियार” के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ये उपाय अमित्र कदम हैं जो वॉशिंगटन-मॉस्को संबंधों को और बिगाड़ेंगे. पुतिन ने कहा कि इन प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा. कोई भी स्वाभिमानी देश बाहरी दबाव में आकर अपनी नीति नहीं बदलता.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here