ट्रंप की वीजा नीति से भारतीय स्टूडेंट्स पर बड़ा असर, एडमिशन में 44 प्रतिशत तक आई गिरावट

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों के तहत विदेशी छात्रों के लिए अमेरिका के दरवाजे अब और अधिक बंद हो गए हैं. अगस्त 2025 में अमेरिका ने विदेशी स्टूडेंट वीजा में लगभग 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. इसका सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा है. अब भारत के बजाय चीन अमेरिका में सबसे अधिक छात्रों को भेजने वाला देश बन गया है. यह जानकारी न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में सोमवार, 6 अक्टूबर को सामने आई.

अगस्त में जारी वीजा में गिरावट

इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में अमेरिका ने कुल 313,138 स्टूडेंट वीजा जारी किए. यह संख्या पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 19.1 प्रतिशत कम है. अगस्त आमतौर पर अमेरिकी विश्वविद्यालयों में नए छात्रों के दाखिले का प्रमुख महीना होता है.

भारत को सबसे बड़ा झटका, चीन को बढ़त

पिछले साल अमेरिका में सबसे अधिक विदेशी छात्र भारत से आए थे. लेकिन इस बार भारत को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. पिछले साल की तुलना में भारत के लिए जारी स्टूडेंट वीजा में 44.5 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है.

चीन के छात्रों के लिए वीजा जारी करने में भी गिरावट आई है, लेकिन भारत के मुकाबले कम. अमेरिका ने अगस्त में चीन के छात्रों को 86,647 वीजा जारी किए, जो भारतीय छात्रों के लिए जारी वीजा से दोगुने से भी अधिक हैं. हालांकि, ये आंकड़े अमेरिका में पहले से रहने वाले छात्रों को नहीं दर्शाते. कई भारतीय छात्र पहले से जारी वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं.

भारतीय छात्रों पर पड़ी चोट का कारण

व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से ट्रंप ने इमिग्रेशन पर कड़ा नियंत्रण लागू किया है. उनका प्रशासन अमेरिकी विश्वविद्यालयों को वामपंथ के प्रमुख शक्ति आधार मानता है और इसे नियंत्रित करना चाहता है. जून 2025 में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्टूडेंट वीजा प्रक्रिया को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया था. इस दौरान अमेरिकी दूतावास ने वीजा के लिए अप्लाई करने वाले छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की. इस कदम का सीधा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा, क्योंकि भारत से आने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक थी.

H-1B वीजा और भारतीय टेक कर्मचारियों पर असर

ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा पर भी भारी नए शुल्क लागू किए हैं. यह वीजा मुख्य रूप से भारतीय टेक पेशेवरों द्वारा उपयोग किया जाता है. भारतीय छात्रों के वीजा में गिरावट और H-1B वीजा शुल्क बढ़ने से अमेरिका में भारतीय तकनीकी और शिक्षा क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

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