Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु के करूर में शनिवार को तमिलगा वेट्ट्री कज़गम (TVK) प्रमुख और अभिनेता-से-राजनेता बने विजय की रैली के दौरान भारी भगदड़ मच गई, जिसमें 31 लोगों की मौत हो चुकी है. विजय के रोड शो को देखने के लिए लाखों समर्थक जुटे थे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और अफरातफरी का माहौल बन गया.
रैली स्थल पर इंतज़ार करते करते बिगड़े हालात
बताया जा रहा है कि विजय के समर्थक रैली स्थल पर उनके पहुंचने का छह घंटे से भी अधिक समय तक इंतज़ार करते रहे. जैसे ही विजय मंच पर पहुंचे, लोगों में उन्हें देखने की होड़ मच गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए और भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 20 से अधिक लोग बेहोश होकर गिर पड़े. इनमें बच्चे भी शामिल थे. सभी को मौके पर प्राथमिक चिकित्सा दी गई.
विजय ने रोकी स्पीच, पुलिस को दिए निर्देश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विजय ने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया और मंच से ही पुलिस को निर्देश दिया कि पानी और तत्काल चिकित्सीय सहायता लोगों को उपलब्ध कराई जाए. रैली से जुड़े वीडियो में दिखा कि विजय ने हालात को संभालने के लिए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जताई चिंता
घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तुरंत संज्ञान लिया और इसे “चिंताजनक” करार दिया. उन्होंने संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि जो भी लोग भीड़भाड़ के कारण बेहोश हुए हैं, उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा दी जाए. साथ ही, उन्होंने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी और मा. सुब्रमणियन को करूर भेजा, ताकि स्थिति का जायज़ा लिया जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’पर लिखा, “करूर से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए.”
पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता या अव्यवस्थित प्रबंधन?
यह घटना विजय की पार्टी TVK की बढ़ती लोकप्रियता को दिखाती है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट करती है कि इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षा प्रबंध पूरी तरह विफल रहे. समर्थकों का हुजूम विजय को देखने के लिए इतना अधीर था कि मंच तक पहुंचने की कोशिश में भगदड़ मच गई.
यह घटना तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है क्या लोकप्रियता को सही ढंग से प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जा रहे हैं, या फिर राजनीतिक शो ऑफ में आम जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है?