अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा 100 करोड़ का मानहानि नोटिस…जानिए क्या है पूरा मामला

Ashok Choudhary defamation notice : बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले और बेनामी संपत्ति के आरोप लगाने के बाद 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है. कोर्ट ने किशोर को 17 अक्टूबर को पेश होने का समन भेजा है. चौधरी ने सभी आरोपों को निराधार बताया, जबकि किशोर ने एनडीए के अन्य नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Ashok Choudhary defamation notice
Ashok Choudhary defamation notice

Ashok Choudhary defamation notice : बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक चौधरी ने मंगलवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है. यह कार्रवाई किशोर द्वारा लगाए गए 200 करोड़ के भ्रष्टाचार और जमीन घोटाले के आरोपों के जवाब में की गई है. इस मामले में अब अदालत ने प्रशांत किशोर को 17 अक्टूबर को पेश होने का समन जारी किया है.

“आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं”
आपको बता दें कि अशोक चौधरी ने प्रेस बयान में कहा कि प्रशांत किशोर के आरोप तथ्यहीन और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं. उन्होंने अपनी बेटी और समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी पर लगाए गए बेनामी संपत्ति के आरोपों को भी खारिज किया. चौधरी ने स्पष्ट किया कि जिस संपत्ति की बात हो रही है, वह 21 फरवरी 2021 को शांभवी ने अपनी वैध कमाई से खरीदी थी और यह संपत्ति उनके चुनावी हलफनामे में भी दर्ज है. इसलिए बेनामी का आरोप पूरी तरह से निराधार है.

“मुख्यमंत्री के दाहिने हाथ हैं चौधरी”… प्रशांत किशोर 
प्रशांत किशोर ने एक जनसभा में अशोक चौधरी को “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे करीबी” बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने व्यक्तिगत सचिव योगेंद्र दत्त के नाम से वर्ष 2019 में 23 कट्ठा जमीन खरीदी, जिसे बाद में 2021 में 34 लाख रुपये में शांभवी के नाम ट्रांसफर कर दिया गया. किशोर का दावा है कि लेन-देन में केवल 10 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर हुए, और इनकम टैक्स नोटिस के डर से बाकी 25 लाख रुपये बाद में ट्रांसफर किए गए. उन्होंने इसे “बेनामी ट्रांजैक्शन” करार दिया.

अन्य NDA नेताओं पर भी लगे आरोप
प्रशांत किशोर ने केवल अशोक चौधरी ही नहीं, बल्कि एनडीए के तीन अन्य नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इनमें शामिल हैं, मंगल पांडेय, संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय ने इन आरोपों को “राजनीतिक ड्रामा” बताया और कहा कि किशोर “झूठे दावे और भ्रम फैलाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं.” हालांकि, अभी तक बाकी दो नेताओं की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

राजनीतिक तापमान चढ़ा, अगला कदम क्या होगा?
अशोक चौधरी की ओर से कानूनी कार्रवाई शुरू करने के बाद अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या मंगल पांडेय, संजय जायसवाल और सम्राट चौधरी भी प्रशांत किशोर के खिलाफ मुकदमा या कानूनी कार्रवाई करेंगे. वहीं, प्रशांत किशोर इस पूरे प्रकरण को अपने “जन सुराज अभियान” की सफलता से जोड़कर राजनीतिक लड़ाई की तरह पेश कर रहे हैं.

यह मामला न केवल बिहार की राजनीति में गर्मी ला रहा है, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों पर भी असर डाल सकता है. कोर्ट में प्रशांत किशोर की पेशी और बाकी नेताओं की प्रतिक्रिया आने वाले हफ्तों में बड़ा मोड़ ला सकती है.

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