Navratri LPG Scheme : नवरात्रि के शुभ अवसर पर केंद्र सरकार ने महिलाओं को एक विशेष तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 25 लाख नए मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने की घोषणा की है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को इस घोषणा को सार्वजनिक किया, जिसे उन्होंने महिला सशक्तिकरण और नारी सम्मान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया.
10.6 करोड़ लाभार्थियों की भागीदारी
आपको बता दें कि हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस नए विस्तार के साथ ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 10.6 करोड़ हो जाएगी. सरकार प्रत्येक नए कनेक्शन पर ₹2,050 का व्यय करेगी, जिसमें एक मुफ्त एलपीजी सिलेंडर, गैस चूल्हा, रेगुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल होंगे. मंत्री ने इसे “नवरात्रि में मां दुर्गा के सम्मान” से जोड़ते हुए कहा कि यह निर्णय भारत की नारी शक्ति को समर्पित है.
पुरी का संदेश, “नारी शक्ति को बड़ा उपहार”
सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर हरदीप पुरी ने लिखा, “उज्ज्वला परिवार का विस्तार नारी शक्ति को बड़ा उपहार! नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही 25 लाख मुफ्त PM Ujjwala कनेक्शन की सौगात, यह प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को देवी दुर्गा के समान सम्मान देते हैं.” उन्होंने आगे कहा कि उज्ज्वला योजना केवल रसोई तक सीमित नहीं रही, बल्कि उसने परिवारों का भविष्य रोशन किया है. योजना अब एक सामाजिक क्रांति की मशाल बन गई है, जिसने देश के दूरदराज़ इलाकों तक अपनी पहुंच बनाई है.
गरीब महिलाओं के लिए वरदान, उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में की गई थी. इसका उद्देश्य था गरीब और वंचित परिवारों की महिलाओं को बिना कोई अग्रिम भुगतान किए एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना. योजना के दूसरे संस्करण (Ujjwala 2.0) में लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी मुफ्त दिया जाता है. वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा दी जा रही ₹300 की सब्सिडी के चलते उज्ज्वला परिवारों को एलपीजी रिफिल सिर्फ ₹553 में मिल रही है, जो कि वैश्विक स्तर पर भी एक कम लागत वाली दर मानी जा रही है.
उज्ज्वला योजना रसोई से क्रांति तक
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने भारतीय महिलाओं की जिंदगी में केवल आर्थिक राहत ही नहीं, बल्कि सम्मान, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता भी लाई है. नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर इस योजना के विस्तार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला सशक्तिकरण, केंद्र सरकार की नीतियों के केंद्र में है. यह योजना अब केवल एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि “नारी सशक्तिकरण की पहचान” बन चुकी है.