15वें उपराष्ट्रपति के रूप में 12 सिंतंबर को शपथ लेंगे सीपी राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है. उन्हें 452 मत मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए. शपथग्रहण समारोह 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शपथ दिलाएंगी. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई दी और विश्वास जताया कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करेंगे.

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CP Radhakrishnan Oath Ceremony
CP Radhakrishnan Oath Ceremony

CP Radhakrishnan Oath Ceremony : भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है. एनडीए समर्थित उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत दर्ज की. अब वे 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद कराना पड़ा था, जिन्होंने 21 जुलाई को पद छोड़ा था.

चुनाव में 781 में से 767 सांसदों ने भाग लिया
चुनाव प्रक्रिया में 781 में से 767 सांसदों ने भाग लिया, जिससे कुल 98.2% मतदान दर्ज हुआ. इनमें से 752 वोट वैध पाए गए, जबकि 15 वोट अमान्य घोषित किए गए. बहुमत के लिए आवश्यक 377 वोटों की तुलना में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोटों से संतोष करना पड़ा. दिलचस्प बात यह रही कि एनडीए के पास कागज़ी समर्थन 427 सांसदों का था, लेकिन YSR कांग्रेस के 11 सांसदों के समर्थन और कुछ अन्य संभावित क्रॉस-वोटिंग की वजह से राधाकृष्णन को अपेक्षा से 14 वोट अधिक मिले. इसने विपक्षी खेमे में हलचल और अटकलें तेज कर दी हैं.

PM ने दी बधाई, बताया संवैधानिक मूल्यों का रक्षक
चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी. उन्होंने लिखा कि राधाकृष्णन का जीवन हमेशा समाज सेवा और हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त करने के लिए समर्पित रहा है. पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि वे एक संवेदनशील और दक्ष उपराष्ट्रपति सिद्ध होंगे, जो भारतीय लोकतंत्र और संसदीय संवाद को नई दिशा देंगे.

जमीनी नेता के रूप में छवी 
सीपी राधाकृष्णन एक अनुभवी नेता हैं, जो भारतीय जनता पार्टी से लंबे समय से जुड़े रहे हैं. उनकी छवि एक जमीनी नेता की रही है, जो न सिर्फ संगठनात्मक रूप से सशक्त माने जाते हैं, बल्कि संसदीय अनुभव भी रखते हैं. अब उपराष्ट्रपति के रूप में उनसे संविधानिक दायित्वों और राज्यसभा की गरिमा को बढ़ाने की अपेक्षा की जा रही है.

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