इंदौर सड़क हादसा में 3 की मौत,13 घायल,अब HC ने स्वत: संज्ञान लिया,कहा- पुलिस कमिश्नर जवाब दें

इंदौर के शिखशक नगर में एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब 20 वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और 13 घायल हो गए. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर कार्रवाई की. मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख और घायलों को ₹1 लाख सहायता दी जाएगी. हाईकोर्ट ने भी मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस से जवाब मांगा है.

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Indore Accident News
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Indore Accident News : मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के शिखशक नगर इलाके में सोमवार शाम को एक तेज रफ्तार ट्रक ने भारी तबाही मचाई. एयरपोर्ट रोड पर यह ट्रक करीब 20 वाहनों को रौंदते हुए निकल गया, जिससे न केवल कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए बल्कि आग लगने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस दर्दनाक हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 13 अन्य लोग घायल हैं, जिनका इलाज इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.

CM मोहन यादव ने की कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है. उन्होंने आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा ट्रैफिक डिप्टी कमिश्नर अरविंद तिवारी को पद से हटा दिया गया है. निलंबित अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुरेश सिंह, बीजासन थाना के सहायक उपनिरीक्षक प्रेम सिंह, सुपर कॉरिडोर प्रभारी चंद्रेश मरावी, सुपर कॉरिडोर से एरोड्रम मार्ग प्रभारी दीपक यादव और चार सिपाही शामिल हैं.

सम्मानित होंगे कांस्टेबल और ऑटो चालक
इस आपदा के दौरान बहादुरी दिखाने वाले कांस्टेबल पंकज यादव और ऑटो चालक अनिल कोठारी को मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सम्मानित करने की घोषणा की है. दोनों ने संकट की घड़ी में साहसिक कार्य करते हुए कई लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई.

मृतकों के परिजनों को सहायता, घायलों का इलाज मुफ्त
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता और घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा राज्य सरकार सभी घायलों का इलाज अपने खर्चे पर कराएगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों ने इस हादसे में अपने माता-पिता को खोया है, उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

23 सितंबर तक जवाब दें पुलिस कमिश्नर से
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने इस दुर्घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर को 23 सितंबर तक वर्चुअली पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सवाल किया है कि नो एंट्री के बावजूद ट्रक शहर में कैसे प्रवेश कर गया. मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की पीठ ने विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है.

यह हादसा न केवल प्रशासनिक चूक को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि समय पर कार्रवाई और बहादुरी से कई जानें बचाई जा सकती हैं. राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाकर यह संकेत दिया है कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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