भारतीय वायु सेना ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और अद्वितीय रणनीति का प्रदर्शन किया है. पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों और सैन्य लक्ष्यों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर में असाधारण भूमिका निभाने वाले नौ अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है. इस कार्रवाई ने न केवल दुश्मन के हौसले पस्त किए, बल्कि भारत की वायु शक्ति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से स्थापित किया.
वीर चक्र पाने वाले अधिकारियों में ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, ग्रुप कैप्टन मनीष अरोड़ा (शौर्य चक्र), ग्रुप कैप्टन अनीमेष पाटनी, ग्रुप कैप्टन कुनाल कालरा, विंग कमांडर जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, स्क्वाड्रन लीडर रिज़वान मलिक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अर्शवीर सिंह ठाकुर शामिल हैं. इन अधिकारियों ने पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर में स्थित आतंकवादी मुख्यालयों के साथ-साथ कई सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाया था.
ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने कम से कम छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था यह अभियान सटीकता, साहस और रणनीतिक कौशल का उदाहरण माना जा रहा है. इस कार्रवाई ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचाया और भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत आधार दिया है.
वरिष्ठ अधिकारियों का सम्मान
वीर चक्र विजेताओं के अलावा, चार वरिष्ठ वायु सेना अधिकारियों को सर्वोत्कृष्ट युद्ध सेवा पदक (Sarvottam Yudh Seva Medal) से सम्मानित किया गया है इनमें वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नरदेश्वर तिवारी, वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा और डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश भारती शामिल हैं. इन अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर की योजना, संचालन और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
अन्य योगदानकर्ताओं का सम्मान
इसके अलावा 13 अन्य वायु सेना अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक (Yudh Seva Medal) से नवाजा गया है. इनमें एयर वाइस मार्शल जोसेफ सुवारेस, एवीएम प्रजुअल सिंह और एयर कमोडोर अशोक राज ठाकुर के नाम प्रमुख हैं. इन सभी की कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि भारतीय वायु सेना किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर तत्पर है.